रघु वीर गद्यम् : ரகு வீர கத்யம் - (61 - 64) / 97 இந்திரனின் குழப்பம் !
61. अप्रति - द्वन्द्व पौरुष !
62. त्र्यंबक सम् - अधिक घोर - अस्त्र - आडंबर !
63. सारथि - हृत रथ सत्रप शात्रव सत्य - अपित प्रताप !
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64. शित शर कृत- लवन दश - मुख मुख - दशक निपतन पुन: उदय दर गलित जनित दर तरल हरिहय नयन नलिन - वन रुचि खचित खतल निपतित सुर - तरु कुसुम वितति सुरभित रथ पथ !-
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