रघु वीर गद्यम् : ரகு வீர கத்யம் - (52 - 54) / 97 சேது பந்தனம் !
52. प्रति - शयन भूमिका भूषित पयोधि - पुळिन !
53. प्रळय शिखि परुष विशिख शिखा शोषित - अकूपार वारि - पूर !
54. प्रबल रिपु कलह कुतुक चटुल कपि - कुल कर - तल तूलित हृत गिरि निकर साधित सेतु - पथ सीमा सीमन्तित समुद्र !