Sanskrit subhashitam
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*बुधाग्रे न गुणान् ब्रूयात् साधु वेत्ति यत: स्वयम्*
*मूर्खाग्रेपि च न ब्रूयाद्धुधप्रोक्तं न वेत्ति स:।।*
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*अपने गुण बुद्धिमान मनुष्य को न बतायें, वह उन्हें अपने आप जान लेगा!और अपने गुण बुद्धिहीन (मूर्ख) मनुष्य को तो कतई न बतायें, वह उन्हें समझ नही सकेगा!*
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*Do not tell your qualities to the wise man, he will know them by himself, and do not tell his qualities to the foolish (foolish) man, he can not understand them!*
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*बुधाग्रे न गुणान् ब्रूयात् साधु वेत्ति यत: स्वयम्*
*मूर्खाग्रेपि च न ब्रूयाद्धुधप्रोक्तं न वेत्ति स:।।*
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*अपने गुण बुद्धिमान मनुष्य को न बतायें, वह उन्हें अपने आप जान लेगा!और अपने गुण बुद्धिहीन (मूर्ख) मनुष्य को तो कतई न बतायें, वह उन्हें समझ नही सकेगा!*
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*Do not tell your qualities to the wise man, he will know them by himself, and do not tell his qualities to the foolish (foolish) man, he can not understand them!*