Don't be stingy with sweet words-Sanskrit subhashitam
Courtesy: Sri.Brijesh Pathak
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*प्रियवाक्यप्रदानेन सर्वेतुष्यन्तिजन्तवः ।*
*तस्मात्तदेववक्तव्यं वचनेकिंदरिद्रता।।*
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भावार्थ - *मीठी वाणी बोलने से सभी व्यक्ति प्रसन्न और संतुष्ट होते हैं इसलिए सदैव मधुर वचन ही बोलना चाहिये । जब वाणी हमारे आधीन है और इसका कोई मूल्य भी नही देना पड़ता फिर मीठे वचन बोलने में दरिद्रता कैसी ?*
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*All people are happy and satisfied by speaking sweet words, therefore always have to say sweet words. When speech is under our control and no value has to be paid, then what is the meanness of speaking sweet words?*
Courtesy: Sri.Brijesh Pathak
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*प्रियवाक्यप्रदानेन सर्वेतुष्यन्तिजन्तवः ।*
*तस्मात्तदेववक्तव्यं वचनेकिंदरिद्रता।।*
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भावार्थ - *मीठी वाणी बोलने से सभी व्यक्ति प्रसन्न और संतुष्ट होते हैं इसलिए सदैव मधुर वचन ही बोलना चाहिये । जब वाणी हमारे आधीन है और इसका कोई मूल्य भी नही देना पड़ता फिर मीठे वचन बोलने में दरिद्रता कैसी ?*
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*All people are happy and satisfied by speaking sweet words, therefore always have to say sweet words. When speech is under our control and no value has to be paid, then what is the meanness of speaking sweet words?*