Test of friendship, valour-Sanskrit subhashitam
⛳🌞 विदग्धा वाक् ⛳
*दुःखे मित्रपरीक्षा शूरपरीक्षा रणाङ्गणे भवति ।*
*विनये भृत्यपरीक्षा दानपरीक्षा च दुर्भिक्षे ॥*
--नित्यनीतिः १९७
⛳🌞 विदग्धा वाक् ⛳
*दुःखे मित्रपरीक्षा शूरपरीक्षा रणाङ्गणे भवति ।*
*विनये भृत्यपरीक्षा दानपरीक्षा च दुर्भिक्षे ॥*
--नित्यनीतिः १९७
दुःखे मित्र-परीक्षा शूर-परीक्षा रणाङ्गणे भवति । विनये भृत्यपरीक्षा दानपरीक्षा च दुर्भिक्षे ॥
मित्र-परीक्षा दुःखे, शूर-परीक्षा रणाङ्गणे, भृत्यपरीक्षा विनये, दानपरीक्षा दुर्भिक्षे च भवति ॥
मित्र की परीक्षा दुःख में, शूर की परीक्षा युद्धभूमि में, सेवक की परीक्षा विनय में, और दान की परीक्षा अभाव में होती है।
मित्र-परीक्षा दुःखे, शूर-परीक्षा रणाङ्गणे, भृत्यपरीक्षा विनये, दानपरीक्षा दुर्भिक्षे च भवति ॥
मित्र की परीक्षा दुःख में, शूर की परीक्षा युद्धभूमि में, सेवक की परीक्षा विनय में, और दान की परीक्षा अभाव में होती है।
The test of friendship is during one's misfortune. The test of valour is in the battlefield. The test of a servant is by his loyalty. The test of charity is in indigence.