Dharma alone is firm-Sanskrit subhashitam
*चला लक्ष्मीश्चला: प्राणाश्चलं जीवित-यौवनम्।*
*चलाचले च संसारे धर्म एको हि निश्चलः॥*
*चला लक्ष्मीश्चला: प्राणाश्चलं जीवित-यौवनम्।*
*चलाचले च संसारे धर्म एको हि निश्चलः॥*
धन सम्पदा आती है जाती है, जीवन, यौवन भी जिंदगी से चले जाते हैं, इस चलाचल (आने जाने वाले) जगत में मात्र एक धर्म ही निश्चल है।
Wealth comes and goes, life and youth goes from life, in this world of coming and going, 'dharma' only is firm.