त्यज दुर्जनसंसर्गं भज साधुसमागमम् |
कुरु पुण्यमहोरात्रं स्मर नित्यमनित्यतः ||
कुरु पुण्यमहोरात्रं स्मर नित्यमनित्यतः ||
श्लोकार्थ :- दुष्टों का साथ छोड़ दो, सज्जनों का साथ करो, रात-दिन अच्छे कर्म करो एवं सदैव ईश्वर का स्मरण करो | यही मानव का धर्म है |
Leave the fellowship of the wicked, cooperate with the gentlemen, do good deeds day and night and always remember God. This is the religion of human beings.