Courtesy: Sri.Brajesh Pathak
*षड् दोषा: पुरुषेणेह हातव्याभूतिमिच्छिता।*
*निद्रा तन्द्रा भयं क्रोध आलस्यंदीर्घसूत्रता।।*
*षड् दोषा: पुरुषेणेह हातव्याभूतिमिच्छिता।*
*निद्रा तन्द्रा भयं क्रोध आलस्यंदीर्घसूत्रता।।*
भावार्थ - *ऐश्वर्य या उन्नति चाहने वाले पुरुषों को नींद, तन्द्रा (उंघना ), डर, क्रोध, आलस्य तथा दीर्घसूत्रता (जल्दी हो जाने वाले कामों में अधिक समय लगाने की आदत )- इन छ: दुर्गुणों को त्याग देना चाहिए।*
*These six maladies should be sacrificed to men who want austerity or advancement - sleep, tenderness (frustration), fear, anger, idleness and procrastination (the habit of taking more time in the things happening quickly).*