एकवर्णं यथा दुग्धं
भिन्नवर्णासु धेनुषु।
तथैव धर्मवैचित्र्यं
तत्त्वमेकं परं स्मॄतम्॥
🙏🏻💐🙏🏻 *आपका आज का दिन परम् प्रसन्नता से परिपूर्ण रहे, ऐसी शुभकामना *
भिन्नवर्णासु धेनुषु।
तथैव धर्मवैचित्र्यं
तत्त्वमेकं परं स्मॄतम्॥
जिस प्रकार अनेक रंगों की गायें एक रंग का ही (श्वेत) दूध देती हैं, उसी प्रकार विभिन्न धर्मों में एकही परम तत्त्व का उपदेश दिया गया है॥
As cows of different colours produce one colour milk, similarly, different religions instruct about the one ultimate reality.
🙏🏻💐🙏🏻 *आपका आज का दिन परम् प्रसन्नता से परिपूर्ण रहे, ऐसी शुभकामना *