संस्कृतबालादर्शः
संस्कृतपाठमालिका में आपका स्वागत है।
ये पाठ पालक्कड़ के वाद्यार संस् के द्वारा बहुत पहले बनाए गए पाठों का हिन्दी अऩुवाद है। ये देश विदेश में बहुत ही प्रसिद्ध हैं। ये बहुत उपयोगी हैं। विशिष्ट रूप से बोलचाल वाली भाषा शिक्षण पद्धति में तैयार किए गए हैं। मेरे द्वार किया हुआ हिन्दी अनुवाद के साथ यहाँ पर हर दिन भेजे जाने का प्रयास होरहा है।
मूल पुस्तक में संस्कृत के शब्दार्थ पाठ के अन्त में दिए गए हैं। तथापि यहाँ पर पाठानुवाद में पहले ही वो दिए जाते हैं, ताकि नये शब्द पर तुरन्त दृष्टि पड़े, और अर्थ की जानकारी के बाद प्रयोग देखने से अधिक लाभ होगा। प्रश्नों के समाधान भी कोष्टक में दिए गए हैं, जिससे विद्यर्थियों को परिश्रम नहीं करना पड़ेगा।
संक्षिप्ताक्षर-
पुं. - पुल्लिङ्ग
स्त्री. - स्त्रीलिङ्ग
नपुं. - नपुंसकलिङ्ग
प. - परस्मैपदी
आ. - आत्मनेपदी
ये मूलपुस्तक इस प्रकार हैं--
Sanskrit Study Made Easy Series (1-4)
संस्कृतबालादर्शः (Infant Reader)
संस्कृतप्रथमादर्शः (Reader-I)
संस्कृतद्वितीयादर्शः (Reader-II)
संस्कृततृतीयादर्शः (Reader-III)
मुद्रण- R.S. Vadhyar And Sons,
Palakkad - 678003
Ph- 0491 2577513 (R) 2577512 (O)
email- rsvadhyar.sons@gmail.com
(2012 Ed.)
https://samskrtamsite.wordpress.com/
Sanskrit Newspaper read by very young children
Posted: 04 Dec 2016 09:30 PM PST
Sanskrit Newspaper read by very young children daily. Excellent site. Everyone should see this.
http://www.samprativartah.in/
संस्कृतपाठमालिका में आपका स्वागत है।
ये पाठ पालक्कड़ के वाद्यार संस् के द्वारा बहुत पहले बनाए गए पाठों का हिन्दी अऩुवाद है। ये देश विदेश में बहुत ही प्रसिद्ध हैं। ये बहुत उपयोगी हैं। विशिष्ट रूप से बोलचाल वाली भाषा शिक्षण पद्धति में तैयार किए गए हैं। मेरे द्वार किया हुआ हिन्दी अनुवाद के साथ यहाँ पर हर दिन भेजे जाने का प्रयास होरहा है।
मूल पुस्तक में संस्कृत के शब्दार्थ पाठ के अन्त में दिए गए हैं। तथापि यहाँ पर पाठानुवाद में पहले ही वो दिए जाते हैं, ताकि नये शब्द पर तुरन्त दृष्टि पड़े, और अर्थ की जानकारी के बाद प्रयोग देखने से अधिक लाभ होगा। प्रश्नों के समाधान भी कोष्टक में दिए गए हैं, जिससे विद्यर्थियों को परिश्रम नहीं करना पड़ेगा।
संक्षिप्ताक्षर-
पुं. - पुल्लिङ्ग
स्त्री. - स्त्रीलिङ्ग
नपुं. - नपुंसकलिङ्ग
प. - परस्मैपदी
आ. - आत्मनेपदी
ये मूलपुस्तक इस प्रकार हैं--
Sanskrit Study Made Easy Series (1-4)
संस्कृतबालादर्शः (Infant Reader)
संस्कृतप्रथमादर्शः (Reader-I)
संस्कृतद्वितीयादर्शः (Reader-II)
संस्कृततृतीयादर्शः (Reader-III)
मुद्रण- R.S. Vadhyar And Sons,
Palakkad - 678003
Ph- 0491 2577513 (R) 2577512 (O)
email- rsvadhyar.sons@gmail.com
(2012 Ed.)
https://samskrtamsite.wordpress.com/
Sanskrit Newspaper read by very young children
Posted: 04 Dec 2016 09:30 PM PST
Sanskrit Newspaper read by very young children daily. Excellent site. Everyone should see this.
http://www.samprativartah.in/